Sunday 17 May 2020

व्यथा एक माँ की ,इंतज़ार एक माँ का

गीत ..... वो बेटा किधर है ....


कड़ी धूप में वो , टपकता पसीना
नहीं बन सका था , किसी का नगीना |
जिसे याद करती माँ , शामो सहर है
वो बेटा किधर है , वो बेटा किधर है ||

लिये इक पुरानी सी , वो शर्ट बैठी
किसी सोच में , बाँह कालर को छूती |
है व्याकुल खड़ी , छलके आँसू बिलखते
कभी माँ ने कोसा , निठल्ला ये कहके  ||
जो निकला था आहत,  कभी घर नगर से
वो बेटा किधर है , वो बेटा किधर है .......

कि आँचल में लुकछिप सदा, खेलता था
कहाँ है बहुत देर,  छिपता नहीं था |
वो अमिया की डाली थकी,  राह तकती
पड़ोसी ,वो दादा ,वो मुनिया, भी कहती ||
कहाँ आजकल है , वो कैसी बसर है
वो बेटा किधर है , वो बेटा किधर है .......

तड़पकर जिया माँ का , आजा पुकारे
ग़रीबी भी हँसकर , उसे ही निहारे |
है दो दिन से भूखी, मगर अड़ गई है
घड़ी कैसी जोख़िम की , ये पड़ गई है
कि रेलें चली , ज़िंदगी की डगर है
वो बेटा किधर है , वो बेटा किधर है ......

कि फांके भी करके ,लहू बेचता था
दुआओं में माँ की, गुज़र देखता था |
मगर आज इतना , हुआ दूर कैसे
यही प्रश्न माँ अपने ,ईश्वर से पूछे
बलाएं माँ जिसकी , उतारे नज़र है
वो बेटा किधर है, वो बेटा किधर है ........
@संगीता श्रीवास्तव 'सुमन'

18 comments:

  1. बेहद मार्मिक सृजन संगीता जी।

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    1. जी बहुत बहुत आभार आदरणीया

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  2. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (04 मई 2020) को 'गरमी में जीना हुआ मुहाल' (चर्चा अंक 3705) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    *****
    रवीन्द्र सिंह यादव

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    1. संशोधन-
      आमंत्रण की सूचना में पिछले सोमवार की तारीख़ उल्लेखित है। कृपया ध्यान रहे यह सूचना आज यानी 18 मई 2020 के लिए है।
      असुविधा के लिए खेद है।
      -रवीन्द्र सिंह यादव

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    2. This comment has been removed by the author.

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  3. जी अवश्य आपका..... सादर आभार🙏🙏

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  4. बहुत सुन्दर रचना

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    1. जी बहुत आभार आदरणीय

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  5. बेहद हृदयस्पर्शी रचना

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    1. जी बेहद शुक्रिया आदरणीया , मेरा गीत लेखन सफ़ल हुआ ...🙏🙏🌹

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  6. शब्द शब्द में पीड़ा झलकती माँ की हृदय स्पर्शी सृजन.
    सादर

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    1. जी बहुत आभार आदरणीया ... ये स्नेहानुराग बनाए रखें 🙏🙏🌹🌹

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  7. सुन्दर सृजन। ब्लॉग अनुसरणकर्ता बटन उपलब्ध करायें।

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    1. बहुत आभार सर ,,सादर प्रणाम आपको | असल में अभी ब्लाग पर नई हूँ , कुछ सेटिंग पर काम बाक़ी है , जल्द ही .... असुविधा हुई आपको क्षमाप्रार्थी हूँ 🙏🙏

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  8. बहुत सुंदर रचना।

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    1. जी सादर प्रणाम आपको ....बहुत बहुत आभार आदरणीया🙏🙏🌹🌹

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  9. बहुत ही सुंदर, मर्मान्त एवं हृदय को द्रवित करने वाली रचना है आपकी । आनन्द आ गया पढ़ने में इसे ।

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    1. तहेदिल से आपका शुक्रिया ... आपको रचना पसंद आई मेरा लेखन सफ़ल हुआ 🙏🙏

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