Saturday, 18 April 2020

*चंँद अश'आर आज के लिए* ...


आग ने भी आज़माया देर तक
पेट को खाली जलाया देर तक |

इश्क़ ने खुद को सजाया देर तक
चाँद फिर छत पर न आया देर तक |

काठ के उल्लू भी जाने जागना
वक्त ने करतब दिखाया देर तक |
@संगीता श्रीवास्तव 'सुमन'

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